दिल में थी मुहब्बत, लब पे सुखनवरी, बस इतना मुख़्तसर था सरमाया मेरा. दिल में थी मुहब्बत, लब पे सुखनवरी, बस इतना मुख़्तसर था सरमाया मेरा.
यही विश्वास बरसों से हमारा भी सरमाया है। यही विश्वास बरसों से हमारा भी सरमाया है।
मेरे एहसास उनकी उम्मीदें इसीलिए तो मेरे अपने हैं इनसे ही तो मेरे सपने हैं इसीलिए तो मेरे एहसास उनकी उम्मीदें इसीलिए तो मेरे अपने हैं इनसे ही तो मेरे सपने हैं ...
दुश्मनों को, ना आने देंगे, इस धरती पे दोबारा, हम कर देंगे अर्पण....... दुश्मनों को, ना आने देंगे, इस धरती पे दोबारा, हम कर देंगे अर्पण.......
घर को गम के लहरों से बचाने वाला पिता, पिता होता है. घर को गम के लहरों से बचाने वाला पिता, पिता होता है.